पेट की चर्बी एवं मोटापा कम करने में भुजंग आसन लाभदायक (Bhujangasana benefits in hindi) माना जाता है।
भुजंग आसन एक ऐसा आसन है जिसे सूर्य नमस्कार करते समय भी किया जाता है जिसके कारण इस आसन को और भी महत्व बढ़ जाता है।
ऐसे तो सभी योगासनों का अपना अलग-अलग लाभ होता है। लेकिन भुजंगासन (bhujangasana in hindi) पेट संबंधित विकार एवं परेशानियों को दूर करने में बहुत ही लाभदायक होता है। इस आसन को करने से कमर दर्द में भी बहुत ज्यादा लाभ मिलता है।
नीचे के लेख में भुजंग आसान से संबंधित सभी पूर्ण जानकारियों को साझा किया गया है जैसे भुजंग आसन करने की विधि, भुजंगासन के लाभ, एवं सावधानियां, इस आसन को करते समय ध्यान में रखने वाली बातें।
यदि आप नए योग साधक हैं तो इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें।
क्या है भुजंगासन? What is bhujangasana in hindi –
यह पेट के बल लेटकर की जाने वाला मध्यमवर्गीय आसान है। भुजंग आसन (Bhujangasana in hindi) का शाब्दिक अर्थ – भुजंग यानी नाग (सर्प) तथा आसन यानी मुद्रा होता है। इस आसन को करते समय शरीर की आकृति नाग के फन की आकृति जैसा बनता है। इसलिए इसे भुजंग आसन कहा गया है। भुजंग आसन को अंग्रेजी में कोबरा पोज (Cobra Pose) कहते हैं। इस आसन को सूर्य नमस्कार करते समय स्टेप – 7 में किया जाता है।



भुजंगासन करने की विधि (तरीका) – Bhujangasana karne ki vidhi –
- सबसे पहले किसी नरम चटाई पर पेट के बाल लेट जाएं।
- अब दोनों हाथों को कंधे की बगल में लाएं एवं हथेलियों को जमीन पर टिका दें।
- दोनों पैर आपस में मिलाकर तलवा आसमान की तरफ रखें।
- हथेलियों पर दबाव देते हुए सिर एवं धड़ (कमर के ऊपरी हिस्से) को ऊपर उठाएं।
- सिर एवं धड़ ऊपर उठाते समय श्वास अंदर ले।
- सिर को पीछे झुकाए एवं चेहरा आसमान की तरफ रखें।
- ध्यान रहे नाभि के निचले हिस्से जमीन से स्पर्श कर रहा हो।
- पूर्ण स्थिति में साधारण स्वसन क्रिया करें।
- इस स्थिति में अपने क्षमता अनुसार या 20 से 30 सेकंड तक रुके।
- श्वास छोड़ते हुए मूल अवस्था में आ जाएं।



भुजंग आसन करने के फायदे (लाभ) – Bhujangasana benefits in hindi –
- मेरुदंड संबंधित विकार दूर होता है।
- मेरुदंड लचीला बनता है।
- पीठ एवं कमर दर्द में आराम मिलता है। पेट संबंधित बीमारी में लाभदायक है।
- कब्ज को दूर करता है।
- पाचन क्रिया में सुधार कर जठराग्नि को तेज करता है।
- पेट की चर्बी को नाश करता है।
- कमर के ऊपरी हिस्से की चर्बी को कम करता है।
- कंधे एवं हाथ को मजबूत करता है।
- शरीर को छरहरहरा एवं सुडौल बनाता है।
- गले संबंधित बीमारी में लाभदायक है।
- थायराइड की बीमारी में भी लाभ मिलता है।
- स्लिप डिस्क वाले रोगी को बहुत अधिक लाभ मिलता है इस आसन को जरूर करें।
- फेफड़ों को मजबूत करता है।
- स्त्री रोग में लाभकारी है।
- पीरियड संबंधित अनियमितता में लाभ मिलता है।
भुजंगासन करते समय सावधानियां – Precautions of bhujangasana in hindi –
- गर्भवती महिला इस आसन को ना करें।
- अल्सर के रोगी इस आसन को ना करें।
- हर्निया से परेशान व्यक्ति इस आसन को सावधानीपूर्वक करें।
- हृदय रोगी इस आसन को सावधानीपूर्वक करें अन्यथा ना करें।
- अधिक उच्च रक्तचाप वाले व्यक्ति किसी योग शिक्षक के मार्गदर्शन में ही इस आसन को करें।
- कड़क मेरुदंड वाले व्यक्ति इस आसन को किसी योग शिक्षक के मार्गदर्शन में ही करें।
- हालही में पेट मे कोई बड़ी घाव या सर्जरी हुआ हो तो इस आसन को न करें।
भुजंगासन से संबंधित महत्वपूर्ण बातें –
भुजंगासन (bhujangasana in hindi) करने के बाद बालासन, जानू शीर्षासन, पादहस्तासन एवं आगे झुककर की जाने वाली आसनों को करना चाहिए। जिससे शरीर की रक्त संतुलन बना रहे।
किसी भी आसन को करने से पहले शरीर को गर्म(वार्म अप) करने के लिए छोटी-छोटी एक्सरसाइज जरूर करें।
किसी भी आसन को करते समय ध्यान को सजग एवं मन शांत रखें।
मन को शांत एवं स्थिर करने के लिए पहले कोई प्रार्थना या ध्यान आसन जरूर करें।
कोई भी आसन सुबह नित्य क्रिया, स्नान आदि करने के बाद ही करें इससे योगासनों का लाभ अधिक मिलता है।
यह आसन सुबह या शाम किसी भी समय खाली पेट में ही करना चाहिए।
नए योग साधक इस आसन को शुरुआत में धीरे धीरे करें एवं कम समय तक ही करें।
इस लेख से आपने क्या सीखा –
इस लेख से आपने बहुत सारी जानकारियां प्राप्त किया जैसे – भुजंग आसन क्या है, भुजंगासन करने की विधि, भुजंगासन के लाभ (Bhujangasana benefits in hindi), इससे करते समय जरूरी सावधानियां एवं इसे करते समय ध्यान में रखने वाले महत्वपूर्ण बातें इत्यादि।
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धन्यवाद…..
लेख स्रोत – सम्पूर्ण योग विद्या और विकिपीडिया
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