Garbh Girane ki Dava गर्भपात की दवा के फायदे, नुकसान,सावधानियां



गर्भ गिराने की दवा (Garbh Girane ki Dava )से संबंधित इस लेख में वह सभी जानकारी को शामिल किया गया है जो गर्भपात से पहले या गर्भपात के बाद हर महिला को जानकारी होना जरूरी है। साथ में वह सभी तरीके बताए गए है, जिससे कोई भी महिला अनचाहे गर्भ को आसानी से गिरा सकता है।
गर्भपात क्या है? What is Abortion ?
यह एक प्रक्रिया है, जिसके द्वारा किसी भी महिला के गर्भाशय में पल रहा भ्रून को पूर्ण विकसित होने से पहले ही किसी भी तरीके से बाहर निकाल देना गर्भपात कहलाता है। गर्भपात एक गैर कानूनी प्रक्रिया है। जिसे सरकार सभी को अनुमति प्रदान नहीं करती है। इसके लिए कुछ कानून भी बनाए गए हैं, जिसे एमपीटी एक्ट कहा जाता है।
एमपीटी एक्ट क्या है? What is MPT Act –
यह सरकार द्वारा बनाया गया एक कानून है, जो दर्शाता है कि किन महिला को गर्भपात कराने की अनुमति दी जाए। यह एक प्रकार के महिलाओं को स्वास्थ्य अधिकार भी प्रदान करता है। एमपीटी का पूर्ण रूप है मेडिकल टर्मिनेशन आफ प्रेगनेंसी एक्ट (Medical Termination of Pregnancy Act) इसे हिंदी में चिकित्सकीय गर्व समापन कानून कहते हैं।
कौन सी महिला गर्भपात करवा सकती है –
- वह महिला जिसका गर्भावस्था की वजह से जीवन खतरे में है और गर्भपात करा कर उसकी जिंदगी बचाई जा सकती है।
- जिस महिला को गर्भावस्था को बनाए रखने में शारीरिक या मानसिक जोखिम हो।
- गर्भ में पल रहा भ्रूण शारीरिक या मानसिक किसी तरह का जोखिम या अनियमितता का शिकार हो।
- अगर कोई महिला बलात्कार या किसी असामाजिक कारणों से गर्भवती हो गई हो।
- जो महिला पहले से गर्भनिरोध प्रक्रिया को अपना रही हो और उसका यह उपाय असफल हो गया हो ।
- वैसी महिला जिसका गर्भपात के लिए उसकी पूर्ण सहमति हो।
गर्भपात के तरीके – Types of Abortion
अबॉर्शन कराने के कई तरीके हैं जिसे डॉक्टरों की सलाह पर कुछ सावधानियों के साथ कराया जा सकता है।
- मेडिकल अबॉर्शन
- सर्जिकल अबॉर्शन
- सलाइन वॉटर अबॉर्शन
- केमिकल अबॉर्शन
- हार्मोनल अबॉर्शन
- हर्बल अबॉर्शन
मेडिकल अबॉर्शन –
इस प्रक्रिया में भ्रूण को नष्ट करने के लिए कुछ निर्धारित दवाइयों का इस्तेमाल किया जाता है। ज्यादातर इसमें मिफेप्रिस्टोन और मेथोट्रेक्सेट युक्त गोली का उपयोग किया जाता है यह प्रक्रिया 6 से 8 सप्ताह के गर्व के लिए ही उपयुक्त माना जाता है।
सर्जिकल अबॉर्शन –
यह एक गर्भपात की जटिल प्रक्रिया है। जिसमें डाइजेशन और इवेक्युएशन प्रक्रिया को अपनाया जाता है। इस प्रक्रिया में उपकरणों का इस्तेमाल किया जाता है। यह बहुत जल्द होने वाले अबॉर्शन विधि है। लेकिन इसे करने के लिए किसी हॉस्पिटल में एक योग डॉक्टर के द्वारा ही किया जा सकता है। इस प्रक्रिया को गर्भधारण के 3 महीने बाद भी किया जा सकता है।
सलाइन वॉटर अबॉर्शन –
यह प्रक्रिया भी किसी हॉस्पिटल में योग डॉक्टर के निगरानी में होना चाहिए। इसमें खारे पानी को गर्भाशय में इजेक्ट किया जाता है। जिससे भ्रूण समाप्त हो जाती है और डिहाइड्रेशन के दौरान भ्रूण गर्व से बाहर निकल जाता है। इस प्रक्रिया को 6 से 8 सप्ताह तक के गर्भवती महिला करवा सकती।
केमिकल अबॉर्शन –
इस प्रक्रिया में गर्भाशय की दीवार में जाइगोट चिपकाया जाता है। जिससे भ्रूण का विकास रुक जाती है। साथ ही साथ इसके लिए एक वजाइनल रिंग और बर्थ कंट्रोल पेच का इस्तेमाल किया जाता है। यह विधि बहुत ही जटिल है। इसे करवाने से पहले किसी किसी और प्रकिर्या को अपना ना सही होगा।
हार्मोनल अबॉर्शन –
इस एबॉर्शन प्रक्रिया में प्रोस्टाग्लैडिंन ग्रुप के हार्मोन को गर्भाशय के अंदर रिजेक्ट करके भ्रूण को नष्ट किया जाता है। जिसके बाद लेबर पेन प्रेरित होता है और भ्रूण शरीर से बाहर आ जाता है।
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हर्बल अबॉर्शन –
गर्भपात का यह प्रक्रिया बहुत ही पुराना है। इस प्रक्रिया में एकीलिया फिलफोलियम जैसी आयुर्वेदिक जड़ी बूटी का इस्तेमाल किया जाता है। जिससे गर्भपात होने की संभावना बढ़ जाती है। यह कोई सटीक उपाय नहीं है, लेकिन तब भी आज के महिला गर्भ गिराने के लिए किसका उपयोग करती है।
आगे के लेख में कुछ घरेलू उपाय के बारे में बताया गया हैं जो गर्भपात के लिए सहायक होता है इसे भी जरूर जाने।
गर्भपात के घरेलू उपाय Home Remedies For Abortion –
पपीता का इस्तेमाल गर्भपात के लिए करना लाभदायक है
- यह फल स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभदायक है। इसका सेवन गैस तथा कब्ज को दूर करने में बहुत ही सफल और गुणकारी माना जाता है।
- इसमें प्रोस्टाग्लैंडीन तथा ऑक्सीटॉसिन की मात्रा बहुत अधिक होता है जिससे गर्भाशय में संकुचन पैदा किया जा सकता है।
- इसमें पाए जाने वाले फाइटोकेमिकल्स प्रोजेस्ट्रोन को प्रभावित कर सकता है।
- जो महिला गर्भपात कराना चाहती है उसे ज्यादा से ज्यादा कच्चा पपीता खाना उचित होता है।
बबूल के पत्ता के उपयोग गर्भपात के लिए-
- 4 ग्राम बबूल के पत्ते को दो कप पानी में डालकर उबालें जब पानी 1 कप बच जाए तो उसे छान लें।
- इस पानी का सेवन सुबह-शाम दो बार किया जा सकता है।
- जब तक गर्भ ना गिर जाए तब तक इसका इस्तेमाल रोज करें।
- इस विधि के इस्तेमाल से गर्भ को आसानी से घर पर गिराया जा सकता है।
- ज्यादा जानकारी के लिए किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूरी है।
कटहल का उपयोग गर्भपात के लिए किया जा सकता –
- अनचाहे गर्भ को समाप्त करने के लिए कटहल का उपयोग किया जा सकता है।
- इसका उपयोग सब्जी के रूप में, चटनी के रूप में, मुरब्बा के रूप में कर सकते हैं।
- गर्भपात करने के लिए इसका ज्यादा से ज्यादा उपयोग करें ताकि गर्भपात हो सके।
- इसका इस्तेमाल तब तक करें जब तक गर्भ समाप्त ना हो जाए।
- कटहल गर्भपात का कारण बन सकता है।
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सोयाबीन का सेवन गर्भपात के लिए-
- इसके बीज का सेवन से गर्भपात होने की संभावना बढ़ जाती है।
- सोयाबीन के दाने को रात में भिगोकर रख दें।
- सुबह नाश्ते में खाली पेट में इसका इस्तेमाल करें।
- इससे गर्भपात होने में सहायता मिलता है।
- सोयाबीन का उपयोग उस व्यक्ति को ज्यादा नहीं करना चाहिए जिसे गैस या कब्ज का पहले से परेशानी है।
दालचीनी का उपयोग करें गर्भपात में सहायता मिलेगा –
- दालचीनी घर में मसाले के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।
- इसका थोड़ी ज्यादा मात्रा का उपयोग करने से लेबर पेन की संभावना को बढ़ा देता है जिससे गर्भपात हो जाती है।
- किसी किसी को इससे एलर्जी जैसी कुछ परेशानियां हो सकता है।
- इसके उपयोग से पहले किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।
तिल का सेवन गर्भपात का कारण बन सकता है –
- अपने सुविधानुसार तिल को कड़ाही में भून लें।
- उसे ठंडा होने के बाद एक चम्मच शहद के साथ मिलाकर इसका सेवन करें।
- यह घरेलू उपाय कम दिन का गर्भ को गिराने में इससेसहायक होता है।
- आसानी से घर पर गर्भपात किया जा सकता है।

आसानी से गर्भपात के लिए कुछ मुख्य बिंदु –
- गर्म पानी से नहाने से गर्भपात की संभावना बढ़ जाती है।
- विटामिन सी के अधिक सेवन से गर्भपात हो सकता है।
- ज्यादा संभोग गर्भपात का कारण बन सकता है।
- कठिन व्यायाम या ज्यादा भागदौड़ गर्भपात का कारण हो सकता है।
- विटामिन सी का ज्यादा मात्रा में सेवन करने से गर्भपात हो सकता है।
- तुलसी का पत्ता चाय के रूप में इस्तेमाल करें गर्भपात की संभावना बढ़ जाती है।
- लहसुन की कली का इस्तेमाल गर्भपात के लिए किया जा सकता है।
- सीताफल के बीज का उपयोग करने से गर्भपात हो सकती है।
गर्भ गिराने की दवा ( Garbh Girane ki Dava ) लेने से पहले ध्यान देने वाली बातें –
यदि आप पहले से गर्भ निरोधक उपाय के रूप में इंट्रायूटरिन डिवाइस (आईयूडी) लगा रखे हैं। और यह फेल हो जाने के कारण गर्भधारण हो गया है। उस स्थिति में गर्भपात करवाना चाहती है तो इससे पहले डॉक्टर की मदद से उस डिवाइस को हटा लें।
प्रेगनेंसी टेस्ट कराने से केवल प्रेग्नेंट होने की पुष्टि की जा सकती है। लेकिन भ्रूण गर्भ के अंदर है या बाहर इसे पता लगाने के लिए अल्ट्रासाउंड करवाना जरूरी है। यदि भ्रूण गर्भाशय के बाहर है तो इस स्थिति में मेडिकल अबॉर्शन उचित नहीं होता है।
कभी-कभी भ्रूण गर्भाशय के बाहर फेलोपियन ट्यूब से चिपक जाता है। तो उस स्थिति में भी मेडिकल एबॉर्शन उचित नहीं होता है।
गर्भ गिराने की दवा (Garbh Girane ki Dava ) गर्भपात की गोली Abortion Pill
- MPT दवा का उपयोग गर्भपात करने के लिए किया जाता है।
- यह बिना किसी डॉक्टर के सलाह लिए हर किसी को नहीं लेनी चाहिए।
- इसे आप किसी डॉक्टर के पर्ची के बिना नहीं खरीद सकते हैं इसके लिए डॉक्टर का सहमति लेना जरूरी होता है।
- मिफेप्रिस्टोन और मिसोप्रोस्टोल ( Mifepristone and Misoprostal ) इन दो दवाओं का उपयोग गर्भपात के लिए किया जाता है।
- पहले मिफेप्रिस्टोन को RU486 के रूप में भी जाना जाता था।
बाजार में यह सभी दवाइयां कुछ इस नाम से उपलब्ध होते हैं। जैसे –
- Midwest
- Mifepristone
- Mirrored
- MIFEGYNE
- Unwanted-KIT
गर्भपात की गोली ( Garbh Girane ki Dava ) कैसे काम करती है-
- यह गोली प्रोजेस्टेरोन हार्मोन को बनने में बाधा उत्पन्न करती है। जिसके कारण भ्रूण नष्ट हो जाता है ।
- प्रोजेस्टेरोन हार्मोन गर्भ में भ्रूण को विकसित करने तथा इसे बनाए रखने में जरूरी होता है।
- गर्भपात की गोलियां गर्भाशय के अंदर की परत ( मायोमेट्रियम ) को संकुचित करने का काम करती है। जिससे गर्भपात में सहायता मिलता है।
- भ्रूण को पोषण देने वाली कोशिकाएं ( ट्रोफोब्लास्ट ) को बढ़ने से रोकती है।
- यह दवा गर्भाशय ग्रीवा ( सर्विक्स ) को नरम करती है। गर्भाशय ग्रीवा गर्भ में पल रहे भ्रूण को सहारा प्रदान करता है।
गर्भ गिराने की गोली (Garbh Girane ki Dava) के इस्तेमाल का तरीका –
- इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए दो प्रकार के अलग-अलग गोली लेनी पड़ती है।
- पहली गोली डॉक्टर की सलाह पर रात को लेनी होती है। दूसरी गोली 24 से 48 घंटे बाद लेनी पड़ती है जिसके लिए डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।
- गर्भपात की गोली गर्भधारण के तुरंत बाद लेना ज्यादा लाभदायक होता है।
- इसका उचित समय 20 हफ्तों तक निर्धारित किया गया है लेकिन यह एमटीपी एक्ट के अनुसार उचित नहीं है।
- एमटीपी एक्ट 12 हफ्तों की गर्व को गर्भपात के लिए मेडिकल एबॉर्शन की अनुमति प्रदान करती हैं।
- 12 हफ्तों से ज्यादा गर्व को गर्भपात के लिए सर्जिकल अबॉर्शन उचित माना जाता है।
गर्भपात की गोली ( Garbh Girane ki Dava ) के नुकसान Side effects of abortion Pills-
बहुत सारे महिलाओं में गर्भपात की गोली का साइड इफेक्ट देखा गया है।यह जरूरी नहीं है कि सभी को एक जैसी लक्षण दिखाई दें। किसी किसी महिला को इस दवा से कोई नुकसान नहीं होता है। आइये कुछ गर्भपात की गोली के नुकसान को जानते हैं जैसे-
- डायरिया (उल्टी, कय)
- थकावट
- कमजोरी
- चक्कर आना
- तेज बुखार आना
- पेल्विक हिस्सों में तेज दर्द
- जी मचलना या उल्टी
गर्भपात के नुकसान –
- इसे करवाने से शरीर से भारी मात्रा में ब्लड बाहर निकलता है, आपको कमजोरी हो सकती हैं।
- कमजोर महिला को गर्भपात कराने से कई बीमारियों का खतरा हो सकता है।
- गर्भपात के 1 सप्ताह से लेकर 2 सप्ताह तक ब्लडिंग हो सकता है।
- लगभग 20 दिन या उससे ज्यादा एक महीना तक संभोग या सेक्स करना उचित नहीं है।
- बार बार गर्भपात करवाना शरीर के लिए नुकसानदायक है। यदि बार-बार गर्भपात करवा रहे हैं तो गर्भाशय में इन्फेक्शन होने का खतरा हो सकता है।
- किसी भारी जोखिम हो सकती है यदि अच्छे डॉक्टर के देखरेख में गर्भपात नहीं करा रहे हैं तो।
- कभी-कभी गर्भपात के दौरान ज्यादा ब्लड शरीर से बाहर निकलने के कारण महिला बेहोश हो सकती है।
- कुछ महिलाओं को जान तक जा सकती है यदि ज्यादा ब्लीडिंग हुआ और उसे समय रहते कंट्रोल नहीं किया गया तो।
- इसलिए गर्भपात की दवा खुद से ना लें जब तक कोई डॉक्टर सलाह नहीं दिया हो।
गर्भपात के फायदे Benifit of Abortion–
- जिस महिला को गर्भधारण से जान को खतरा है उसे गर्भपात कराना उचित है।
- गर्भपात किसी डॉक्टर के सलाह से घर पर ही किया जा सकता है।
- इसे करवाने के लिए ज्यादा पैसे की जरूरत नहीं होती है। जनसंख्या नियंत्रण का एक विकल्प गर्भपात भी है।
- फैमिली प्लानिंग में गर्भपात का भी एक भूमिका हो सकता है।
- अनचाहे गर्भ से छुटकारा पाने का एकमात्र विकल्प है।
- गैर समाजिक गर्व से छुटकारा पाने के लिए गर्भपात करवाना एकमात्र उपाय हैं।
- गर्भपात कराने से पहले कुछ सरकार द्वारा बनाए गए कानून है उसे भी ध्यान रखना जरूरी है।
गर्भपात के बाद ध्यान देने वाली बातें-
- महिलाओं को गर्भपात के बाद पूरा आराम की जरूरत होती है।
- खानपान का विशेष ध्यान रखें खाने में वैसे चीज का इस्तेमाल करें जिससे ज्यादा मात्रा में इनर्जी मिले तथा संतुलित आहार हो।
- जब तक आपके शरीर पूरी तरह से स्वस्थ ना हो जाए तब तक कोई जोखिम भरा या भारी काम ना करें।
- किसी किसी महिला को ब्लडिंग ज्यादा दिन तक रहता है इससे ऐसी स्थिति में सेक्स / संभोग ना करें।
- गर्भपात के बाद मासिक धर्म आने में देर या जल्दी हो सकती है इस स्थिति में डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

डॉक्टर से कब मिलें –
- गर्भ गिराने की दवा लेने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूरी है।
- गर्भपात कराने के दो हफ्तों बाद डॉक्टर से जरूर मिलें और उसके सलाह पर अल्ट्रासाउंड जरूर कराएं यह सुनिश्चित करने के लिए की गर्भपात ठीक से हुआ है या नहीं।
- यदि आपके हिसाब से ज्यादा ब्लीडिंग हो रहा हो तो डॉक्टर से तुरंत मिले।
- एक घंटे में दो बार पैड बदलना पड़ रहा हो तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
- चक्कर , कमजोरी या बेहोशी जैसी स्थिति दिखाई दे तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें।
- ज्यादा तेज बुखार या किसी एलर्जी का अनुभव हो तो डॉक्टर से मिलना जरूरी है।
इस लेख से आपने क्या सीखा –
इस लेख में आपने गर्भपात से जुड़ी बहुत सारी जानकारियां प्राप्त किया जैसे – गर्भपात क्या है ,गर्भपात के गोली के नाम, गर्भपात की गोली इस्तेमाल करने के तरीके, गर्भपात कब करवाना चाहिए, गर्भपात कराने की क्या क्या उपाय हैं, गर्भपात कराने की कितने तरीके हो सकते हैं, गर्भपात कराते समय किन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, एमपीटी एक्ट क्या है, कौन महिला गर्भपात करा सकती है, गर्भपात के कुछ घरेलू उपाय, गर्भपात कराने के बाद क्या करना चाहिए, गर्भपात की गोली लेने से पहले किन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए तथा डॉक्टर से कब मिले ।
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