जिस प्रकार के आजकल का रहन सहन (Lifestyle) है ऐसे में लगभग हर दूसरा व्यक्ति कमर दर्द से परेशान है। इस लेख में 10 योग आसन( Kamar Dard ka Yoga in Hindi ) बताए गए हैं जो कमर दर्द के लिए वरदान सिद्ध हो सकता है।
- मकरासन
- मरकट आसन
- भुजंगासन
- चक्रासन
- शलभासन
- हलासन
- उष्ट्रासन
- त्रिकोणासन
- मार्जरी आसन
- खगासन
कमर दर्द के 10 योगासन – Kamar Dard ka Yoga in Hindi / Kamar Dard ke Liye Yoga in Hindi –
ऊपर बताए गए योगासन (Kamar Dard ka Yoga in Hindi) कमर दर्द में लाभदायक तो है ही साथ ही साथ उसके कई अन्य लाभ भी हैं जो नीचे के लेख में आप पढ़ सकते हैं। तथा इन आसनों के करने की विधि का विस्तार से वर्णन किया गया है जो आपको इसे करने में मदद कर सकता है।
मकरासन कमर दर्द में लाभदायक – Makrasana Kamar Dard ka Yoga in Hindi–
इस आसन का शाब्दिक अर्थ – मकर यानी मगरमच्छ होता है। इस आसन को करते समय शरीर की आकृति मगरमच्छ की तरह बनता है इसलिए इसे मकरासन कहा जाता है।
मकरासन करने की विधि –
किसी नरम चटाई पर पेट के बल लेट जाएं। जिस प्रकार मगरमच्छ का सिर हमेशा उठा हुआ दिखाई देता है उसी प्रकार शरीर की आकृति बनाएं। अपने सिर को उठाएं। दोनों कोहानियों को जमीन पर टिका दें। दोनों हथेलियों से अपने गाल एवं ठुड्डी को सहारा दे। दोनों पैर आपस में सट्टा हो एवं तलवा आसमान की ओर को। इस आराम स्थिति में 1 से 2 मिनट तक रुके। इस स्थिति में साधारण श्वास क्रिया करें।
मकरासन करने के लाभ –
- सर्वाइकल एवं स्लिप डिस्क से परेशान व्यक्ति को अत्यधिक लाभ मिलता है।
- गर्दन संबंधित बीमारी में लाभ होता है।
- कमर दर्द, पीठ दर्द , मेरुदंड वाले रोगी इस आसन को अवश्य करें।
- शरीर को पूरा आराम मिलता है।
- ताजगी, ऊर्जा एवं आपूर्ति प्राप्त होता है।
- किसी कठिन योगासन करने के बाद इस आसन को जरूर करें। शरीर की थकान दूर हो जाता है।
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मरकट आसन पीठ या कमर दर्द का रामबाण इलाज – Markatasana Kamar Dard kaYoga in Hindi
इस आसन को करते समय शरीर का आकृति बंदर के जैसा देखने में लगता है इसलिए इसे मर्कटासन कहा जाता है।
मरकट आसन करने की विधि –
किसी आसन पर पीठ के बल लेट जाएं। दोनों हाथों को कंधों के समानांतर फैला लें एवं हथेलियां आसमान की तरफ रखें। दाहिने पैर को सीधा ऊपर 90 डिग्री उठाएं एवं बाएं तरफ झुकाते हुए जमीन से स्पर्श कराएं। बाएं हाथ से दाहिने पैर के अंगूठे को पकड़े। गर्दन से सिर को दाहिने तरफ घुमाएं। इस स्थिति में चेहरा पूरा दाहिने तरफ मुड़ा हुआ होगा। इस स्थिति में 20 से 30 तक रुके। इसी क्रिया को विपरीत दिशा में करें।
मरकट आसन करने के लाभ –
- यह आसन कमर दर्द से तुरंत राहत देता है।
- इस योग आसन को कमर दर्द के लिए रामबाण (Kamar Dard ka Yoga in Hindi) माना जाता है।
- पेट की चर्बी को कम करता है।
- मेरुदंड को लचीला बनाता है।
- पेट की बीमारी दूर हो जाता है।
- पेट को नरम एवं मुलायम करता है।
- शरीर को लचीला बनता है।
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भुजंगासन से पीठ दर्द में लाभ मिलता – Bhujangasana Kamar Dard ke Liye Yoga in Hindi–
भुजंग का अर्थ नाग ( सर्प )होता है। जिस प्रकार नाग का फन होता है उसी प्रकार इस आसन को करते समय शरीर की आकृति बनती है। इसलिए इसे भुजंगासन कहा जाता है। यह आसन कमर दर्द के लिए बहुत लाभकारी है।



भुजंगासन करने की विधि –
किसी नरम चटाई पर पेट के बल लेट जाएं। कंधे के बगल में दोनों हथेलियों को जमीन से सटाकर रखें। सांस लेते हुए सीने और सिर को ऊपर उठाएं । अपने सुविधा अनुसार हथेलियों पर दबाव बना सकते हैं। सिर को पीछे झुकाते हुए चेहरा को आसमान की तरह रखें। दोनों पैर आपस में सटा हुआ हो एवं सीधा तना हुआ हो। इस स्थिति में अपनी क्षमता अनुसार कम से कम 20 से 30 सेकंड या उससे ज्यादा रुक सकते हैं। सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे मूल अवस्था में आए।
भुजंगासन करने के लाभ –
- स्लिप डिस्क की समस्या को दूर करता है।
- कमर दर्द पीठ दर्द के मरीज को लाभ मिलता है।
- कब्ज ,गैस की वीमारी को नाश करता है।
- चर्बी को कम करने में लाभदायक है।
- शरीर एवं मेरुदंड को लचीला बनाता है।
- स्त्री रोग में लाभकारी माना जाता है।
- जिस व्यक्ति को अल्सर रोग है वो इस आसन को न करें।
- गर्भवती महिला को नहीं करना चाहिए।
चक्रासन पीठ को मजबूत , लचीला बनाता – Chakrasna Kamar Dard ke Liye Yoga in Hindi–
इस आसन को करते समय चक्र के भाती शरीर की आकृति लगभग गोल बनता है इसलिए इसे चक्रासन कहा जाता है।

चक्रासन करने की विधि –
किसी नरम आसन या चटाई पर पीठ के बल लेट जाएं । दोनों पैरों को घुटने से मोड़ते हुए एड़ी को नितंब के पास रखें। दोनों हाथों की हथेली को कान के बगल में जमीन से सटाकर रखें। इस स्थिति में हाथों की उंगलियां एड़ी की तरह हो। अब सांस लेते हुए कमर के हिस्से को ऊपर उठाएं। हथेली और तलवों पर अपने शरीर को स्थापित करें। इस स्थिति में सांस को अंदर रोककर रखें। अपने क्षमता अनुसार 20 से 30 सेकंड तक रुकें।सांस छोड़ते हुए मूल अवस्था मे आएं। ध्यान रहे कि मूल अवस्था मे आते समय पहले सिर को जमीन से टिकाये उसके बाद कमर को।
चक्रसना करने के लाभ –
- शरीर को लचीला बनाता है।
- पेट और पीठ के लिए बहुत लाभदायक है।
- पेट को स्वस्थ बनाता है।
- मोटापा में लाभकारी है।
- चेहरा का चमक बढ़ता है।
- जांघ, भुजा एवं पीठ मजबूत होता है।
- स्त्री रोग में लाभदायक है।
- वायु संबंधित रोग नाश होता है।
शलभासन करें कमर दर्द नाश – Shalbhasana Kamar Dard ka Yoga in Hindi–
शलभासन करने की विधि –
इस आसन को करने के लिए किसी आरामदायक आसन पर पेट के बल लेट जाए। दोनों हाथों की हथेली को जांघ के नीचे दबा ले। ध्यान रहे हथेली जमीन की तरफ ना हो। अब सांस लेते हुए दोनों पैरों को तानकर ऊपर उठाएं। पंजा खिंचा हुआ होना चाहिए। अपने क्षमता अनुसार इस स्थिति में रुकें। सांस छोड़ते हुए मूल अवस्था में आए।
शलभासन करने के लाभ –
- स्लिप डिस्क से परेशान व्यक्ति को तुरंत लाभ मिलता है।
- मेरुदंड विकार दूर हो जाता है।
- इस आसन को निरंतर करने से टीवी की बीमारी नहीं होती है।
- मधुमेह के रोगियों को लाभ मिलता है।
- मूत्राशय की बीमारी ठीक हो जाता है।
- साईटिका के मरीज को पूर्ण लाभ मिलता है।
- पेट संबंधी समस्याओं से निजात मिलता है।
हलासन कमर दर्द में लाभकारी – Halasana Kamar Dard ke Liye Yoga in Hindi
इस आसन को करने पर शरीर की आकृति हल की तरह बनता है। हल एक औजार है जिसे खेतों की जुताई या कुड़ाई के लिए उपयोग किया जाता है।



हलासन करने की विधि –
किसी नरम चटाई पर शवासन की स्थिति में ( पीठ के बल ) लेट जाएं। दोनों पैरों को एक साथ उठाते हुए सिर के पीछे ले जाएं। पैर के पंजे को जमीन पर टिकाए। दोनों हाथों को जमीन पर पहले की स्थिति में ही रहने दे। या तो दोनों पंजों को दोनों हाथों से पकड़े (दोनों में से कोई भी कर सकते हैं)। इस स्थिति में 20 से 30 सेकंड तक रुकें। या अपनी क्षमता अनुसार रुकें। धीरे-धीरे मूल अवस्था में वापस आए।
हलासन के लाभ –
- बुढ़ापे में कमर को झुकने से रोकता है।
- रीड की हड्डी लचीला एवं मजबूत होता है।
- पीठ मजबूत बनता है।
- जठराग्नि को जगाता है।
- भूख को बढ़ाता है।
- रक्त संचार को बढ़ाता है।
- कमर के हड्डियों को शक्ति मिलता है।
उष्ट्रासन कमर दर्द निवारक है – Ustrasana Kamar Dard ka Yoga in Hindi –
यह बैठकर किया जाने वाला आसन है। इसे करते समय शरीर की आकृति उट की आकृति के समान बनती है। इसलिए इसे उष्ट्रासन कहा जाता है।
उष्ट्रासन करने की विधि –
किसी नरम आसन पर वज्रासन में (पैर पीछे मोड़कर) बैठ जाएं। अब घुटनों पर खड़ा हो जाएं। पीछे की ओर झुकते हुए दोनों हाथों से दोनों समांतर एड़ियों को पकड़े। सिर को पीछे झुकाते हुए पीछे की ओर देखें। पेट एवं नाभि क्षेत्र को आगे की ओर उभारे। इस स्थिति में श्वसन क्रिया साधारण रखें। अपनी क्षमता अनुसार इसे 20 से 30 सेकंड तक रुके। धीरे-धीरे मूल अवस्था में वापस आए।
उष्ट्रासन करने के लाभ –
- पीठ और कमर दर्द को दूर करता है।
- कब्ज की समस्या में रामबाण साबित होगा।
- स्वसन संबंधित सभी विकार दूर हो जाते हैं।
- मधुमेह नाश हो जाता है।
- आंखों की रोशनी बढ़ती है।
- स्त्री संबंधित रोग से बहुत लाभ मिलता है।
- गला संबंधित बीमारी जैसे थायराइड में लाभ मिलता है।
- मोटापा के लिए असरदार उपाय है।
- दमा को नियंत्रित कर ठीक करता है।
त्रिकोणासन करने से कमर दर्द दूर – Trikonasana Kamar Dard ka Yoga in Hindi –
यह खड़ा होकर किए जाने वाला आसन है। इस आसन को करते समय शरीर का तिकोना आकृति बनती है इसलिए इसे त्रिकोणासन कहा जाता है।



त्रिकोणासन करने की विधि –
जमीन या चटाई पर सीधा खड़ा हो जाए। अपने बाएं पैर को 2 से 3 फीट की अंतराल पर खोलें। कंधे की ऊंचाई तक जमीन के समानांतर दोनों हाथों को खिलाएं। सांस छोड़ते हुए बाएं तरफ झुके एवं बाएं हाथ से पैर के पंजे को पकड़े या स्पर्श करें। दाहिने हाथ के बाजू को दाहिने कान से सटाकर रखें। पूर्ण स्थिति में दोनों घुटना तना हुआ होना चाहिए। अपनी क्षमता अनुसार 20 से 30 सेकंड तक रुके। सांस लेते हुए खड़ा हो जाए। इस क्रिया को अब दाहिने तरफ से करें।
त्रिकोणासन करने के लाभ –
- रीढ़, कमर और गर्दन का दर्द दूर करता है।
- कब्ज की समस्या से निजात मिलता है।
- रीड की हड्डी लचीला एवं मजबूत बनता है।
- पेट की समस्या से छुटकारा मिलता है।
- पैर की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है।
- मोटापा कम करने में सहायक माना जाता है।
मार्जरी आसन से कमर की समस्या से छुटकारा – Marjari Aasna Kamar Dard ka Yoga in Hindi –
यह बैठकर किया जाने वाला आसन है। इस आसन का शाब्दिक अर्थ मार्जरी यानी बिल्ली होता है। जब इस आसन को करते हैं तो शरीर की आकृति दिल्ली की भांति बनता है। इसलिए इसे मार्जरी आसन कहा जाता है।
मार्जरी आसन करने की विधि –
किसी नरम चटाई पर वज्रासन में बैठ जाएं। घुटने के बल खड़ा होते हुए अपनी हथेली को घुटने से लगभग 2 फीट की दूरी पर जमीन से टिका दें। हाथों की अंगुलियां बाहर की तरफ हो एवं पैर की तलवा आसमान की तरफ होना चाहिए। अब सांस लेते हुए पीठ को नीचे की ओर दबाएं (पीठ को गढ़ा बनाएं ) जैसे कोई ऊपर से दबा रहा हो एवं गर्दन को ऊपर की ओर मोड़ें और चेहरा आसमान की तरह करने की कोशिश करें।
अब ठीक इसके विपरीत सांस छोड़ते हुए पीठ को ऊपर उठाएं (डूबते हुए बिल्ली की तरह) एवं गर्दन को नीचे झुकाए। ठुड्डी को सीने से स्पर्श कराने की कोशिश करें। इस क्रिया को अपनी क्षमता अनुसार कम से कम 10 बार जरूर करें।
मार्जरी आसन करने के लाभ –
- इस आसन को करने से कमर, गर्दन एवं मेरुदंड को विशेष लाभ ( Benefit yoga for back pain) मिलता है।
- कमर , गर्दन और मेरुदंड के सभी विकार दूर हो जाते हैं।
- कब्ज की समस्या से छुटकारा मिलता है।
- चर्बी कम करने में सहायक है।
- महिला को यह आसन अवश्य करना चाहिए विशेष लाभ मिलता है।
- फेफड़ों को भी लाभ मिलता है।
- शरीर लचीला बनता है।
खगासन कमर दर्द दूर करता है – Khagaasana Kamar Dard ka Yoga in Hindi –
यह लेट कर किया जाने वाला आसन है। इस आसन को करते समय शरीर की आकृति आसमान में उड़ते हुए पक्षी की तरह दिखता है। इसलिए इससे खग आसन कहा जाता है।
खगासन करने की विधि –
किसी नरम चटाई पर पद्मासन लगाकर बैठ जाए। इसी स्थिति में पेट के बल लेट जाएं। अपने दोनों हथेलियों को कमर पर इस प्रकार रखें कि अंगूठा बाहर (पेट) की तरह और अंगुलियां अंदर (रीढ़) की तरफ हो। अब सांस लेकर सिर को ऊपर उठाएं एवं सामने की ओर देखें। अपनी क्षमता अनुसार 20 से 30 सेकंड तक रुके। सांस छोड़ते हुए मूल अवस्था में आए।
खगासन करने के लाभ –
- कमर एवं पीठ की दर्द दूर हो जाता है।
- पाचन तंत्र स्वस्थ होता है।
- मूत्र संबंधित विकार दूर होते हैं।
- वात, पित्त, कफ में संतुलन होता है।
- मोटापा में भी लाभदायक है।
ऊपर बताए गए सभी आसन (yoga for back pain) अपनी क्षमता अनुसार करें। यदि कोई व्यक्ति इसका पूर्ण लाभ लेना चाहता है तो इन आसनों को कम से कम पांच से छह बार नित्य करें। आसन खाली पेट ही करना चाहिए इसके लिए सुबह का समय उचित माना जाता है।
यदि कोई व्यक्ति को जटिल उदर रोग, अल्सर, कड़क मेरुदंड, किसी असाध्य रोग है तो ऊपर बताए गए आसन किसी विशेषज्ञ की सलाह के बिना न करें। बताए गए आसन किसी योग प्रशिक्षक के निर्देश में करना जरूरी है इससे विशेष लाभ मिलेगा।
कमर दर्द का योग कैसे करें
बताये गये सभी सभी कमर दर्द का योगासन सुबह खाली पेट मे ही करें। सबसे पहले आप सुबह उठ कर फ्रेश हो ले एवं स्नान कर ले उसके बाद योग करें।
कमर दर्द का योग
1.भुजंगासन
2. मरकट आसन
3. मकरासन
4. खगासन
इस लेख से आपने क्या सीखा –
अपने इस लेख में कमर दर्द से छुटकारा पाने के 10 ऐसे योग आसन (Kamar Dard ka Yoga in Hindi) के बारे में जाना जो कमर दर्द से छुटकारा पाने में वरदान सिद्ध हो सकता है । आपने इस लेख में निम्न आसना एवं उनके करने की विधि एवं उनके लाभ के बारे में जाना जैसे- मकरासन, मर्कटासन, भुजंगासन, चक्रासन, शलभासन, हलासन, उष्ट्रासन, त्रिकोणासन, मर्जरी आसन, खगासन।
आपको यह लेख Kamar Dard ka Yoga in Hindi से जुड़ी जानकारी कैसा लगा नीचे कॉमेंट बॉक्स में जरूर लिखे।आपके द्वारा किया गया कॉमेंट हमे अच्छी लेख लिखने के लिए प्रेरित करता है, और साथ मे ये भी जरुर बताए यदि लेख में कोई त्रुटि हो या सुधार की जरूरत हो तो अवश्य उसके बारे में लिखे जिससे हम सुधार कर त्रुटिहीन बना सेक।
धन्यवाद…..